COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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गुरुवार, 29 जून 2017

आंध्र प्रदेश में भारत की पहली ग्रामीण एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग परियोजना क्रियान्वित होगी

 संक्षिप्त खबरें 
नई दिल्ली : विद्युत मंत्रालय के अधीनस्थ एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के माध्यम से भारत सरकार आंध्र प्रदेश के सात जिलों की ग्राम पंचायतों में 10 लाख परंपरागत स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलईडी लाइट लगायेगी। यह भारत सरकार की स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय परियोजना (एसएलएनपी) के तहत देश में ग्रामीण एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग से जुड़ी पहली परियोजना है। प्रथम चरण में गुंटूर, प्रकाशम, नेल्लोर, कुरनूल, कडप्पा, अनंतपुर और चित्तूर जिलों की ग्राम पंचायतों में यह बदलाव सुनिश्चित किया जायेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस बदलाव अभियान से ग्राम पंचायतों को हर साल कुल मिलाकर लगभग 147 मिलियन यूनिट बिजली की बचत करने में मदद मिलेगी और इससे 12 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओ2) की रोकथाम संभव हो पायेगी। इस परियोजना पर आने वाली कुल पूंजीगत लागत का वित्त पोषण फ्रांकेइसे डे डेवलपमेंट (एएफडी) नामक फ्रांसीसी विकास एजेंसी द्वारा किया जायेगा। इस परियोजना के तहत ईईएसएल अगले 10 वर्षों तक इन ग्राम पंचायतों में समस्त वार्षिक रख-रखाव और वारंटी प्रतिस्थापन का कार्य करेगी।
इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि वर्ष 2018 तक राज्य के समस्त गांवों में लगभग 30 लाख परंपरागत स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाई जायेंगी। ईईएसएल ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया है कि 10 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने से बिजली में लगभग 59 प्रतिशत की बचत होगी, जो 88.2 करोड़ रुपये की वार्षिक मौद्रिक बचत के बराबर है। राष्ट्रीय स्तर पर भारत के 21 राज्यों में 23 लाख से भी ज्यादा परंपरागत स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैं।

ग्रामीण विकास में प्रभावी पहल के लिए 144 पुरस्कृत

नई दिल्ली : ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 19 जून, 2017 को एक पुरस्कार समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत उपलब्धियां दर्शायी गईं। इस समारोह में विभिन्न योजनाओं के अधीन प्रंशसनीय कार्य करने वाले राज्यों, संस्थानों तथा सरकारी पदाधिकारियों को पुरस्कृत किया गया। जियो-मनरेगा के तहत जल संरक्षण पर लघु फिल्म, मध्य प्रदेश की सौ वर्षीय जनजातीय महिला, जदिया बाई के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान निर्माण तथा पीएमजीएसवाई पर शान द्वारा गाए गए एक दृश्य श्रव्य गीत का भी प्रदर्शन किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री ने मनरेगा पर एक नागरिक केंद्रित मोबाइल ऐप की भी शुरूआत की, जिसमें मनरेगा के विभिन्न पहलुओं पर सूचना प्रदान की जा सकती है। ग्रामीण विकास विभाग अपने कार्यक्रम प्रबंधन में सूचना और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का गहन उपयोग करता है और ‘जन-मनरेगा’ ऐप ‘मेरी सड़क’ और ‘आवास’ मोबाइल ऐप विभाग की तीसरी ऐसी नागरिक केंद्रित पहल है।
विभिन्न कार्यक्रमों के अंर्तगत कुल 144 पुरस्कार दिए गए। सतत आजीविका, पारदर्शिता और जवाबदेही, आधार सीडिंग, रूपांतरण और जियो-मनरेगा पर पुरस्कार मनरेगा के तहत दिए गए थे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंर्तगत सर्वाधिक ग्रामीण सड़कों के निर्माण वाले (बिहार) तथा गैर-परम्परागत निर्माण सामग्री का उपयोग करने वाले (मध्य प्रदेश) राज्यों को पुरस्कार दिए गए। हरियाणा, गुजरात तथा कर्नाटक ने पीएमजीएसवाई (चरण 1 और 2) में लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक काम पूरा करने पर विशेष पुरस्कार प्राप्त किए। ऐसे राज्यों को जिन्होंने विभिन्न मापदंड़ों से अच्छा काम किया था, उन्हें पीएमएवाई-जी के अंर्तगत पुरस्कृत किया गया। केंद्रीय भवन अनुसंधान, रुड़की जिसने भवन टाइपोलाजी का तकनीकी परीक्षण उपलब्ध करवाया, ग्रामीण विकास की एनआईसी विभागीय टीम द्वारा तकनीकी सहायता दिए जाने तथा नवीन प्रौद्योगिकियों के उपयोग में महत्वपूर्ण योगदान के लिए यूएनडीपी के सलाहकार, वरिष्ठ नागरिक डॉ. प्रबीर कुमार दास को भी पुरस्कार दिए गए। नौ जिलों के कलैक्टरों को भी अधिकतम संख्या में पीएमएवाई-जी मकान पूरे करने के लिए पुरस्कृत किया गया। महत्वपूर्ण बात यह रही कि नौ जिला कलैक्टरों में से पांच उड़ीसा से थे।

उत्तराखंड व हरियाणा खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित

नई दिल्ली : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत उत्तराखंड और हरियाणा ने खुद को देश का चैथा और पांचवां खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित किया है। ये दोनों राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल की श्रेणी में शामिल हो गए हैं, जो पहले ही खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित हो चुके हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण शुरू होने के ढाई महीने के भीतर ही राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता का दायरा 42 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गया है। उत्तराखंड में 13 जिले, 95 ब्लॉक, 7256 ग्राम पंचायतें और 15751 गांव हैं, जबकि हरियाणा में 21 जिले, 124 ब्लॉक और 6083 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी ने क्रमशः देहरादून और चंडीगढ़ में खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित किया।
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